नरसिंह की जगह प्रवीण को ओलंपिक टिकट,’नाडा’ के सामने नरसिंह की पेशी
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नई दिल्ली,27 जुलाई(इ खबरटुडे)।अगले महीने से ब्राजील के रियो में होने वाले ओलंपिक से पहले ही भारतीय दल को नरसिंह यादव के डोप टेस्ट में फंसने की वजह से बड़ा झटका लगा है. आज डोपिंग एजेंसी नाडा की अनुशासन समिति के सामने पेश होने से पहले ही प्रतिबंधित दवाएं लेने के आरोपी पहलवान नरसिंह यादव का पत्ता कट गया है. रेसलिंग फेडरेशन ने नरसिंह की जगह प्रवीण राणा को ओलंपिक का टिकट दे दिया है. ये सब तब हुआ जब नाडा में नरसिंह के केस की आज शाम सुनवाई होनी है.
ओलंपिक रिंग में उतरने से पहले ही देश के सुल्तान नरसिंह यादव का रियो ओलंपिक्स में जाने का सपना टूट गया है. आज शाम 4 बजे डोपिंग की जांच करने वाली एजेंसी ‘नाडा’ नरसिंह यादव के मामले की सुनवाई करने वाली है. डोप टेस्ट में फेल नरसिंह यादव के पास अनुशासन समिति के सामने बेगुनाही साबित करने का मौका है लेकिन उससे पहले ही रेसलिंग फेडरेशन ने प्रवीण राना को नरसिंह यादव की जगह ओलंपिक का टिकट दे दिया है.
खाने में साजिश के तहत किसी ने ये स्टेरॉयड मिला दिया था-नरसिंह
राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी यानि नाडा की जांच में नरसिंह के ‘ए’ और ‘बी’ दोनों नमूनों में प्रतिबंधित मेथेंडाइनोन नाम का स्टेरॉयड मिला है. नरसिंह का आरोप है कि उनके खाने में साजिश के तहत किसी ने ये स्टेरॉयड मिला दिया था. नरसिंह यादव का मामला बहुत जटिल है नाडा ने अगर उनके साथ साजिश की बात मान भी ली तब भी नरसिंह यादव ओलंपिक में नहीं जा पाएंगे क्योंकि प्रतिबंधित दवाएं उनके शरीर के अंदर हैं और वो तब तक खेल नहीं पाएंगे जब तक शरीर दवा मुक्त न हो जाए.
वहीं डोपिंग के आरोपों में फंसे पहलवान नरसिंह यादव ने थाने में लिखित शिकायत भी दर्ज करा दी है. नरसिंह ने थाने में कहा, ‘मेरे खाने में कुछ मिलाया गया था इसकी जांच होनी चाहिए.’
नरसिंह की उम्मीद बरकरार:
हालांकि प्रवीण राणा का नाम दिए जाने के बाद भी ऐसी उम्मीदें बनी हुई हैं कि अब भी नरसिंह ओलंपिक्स में जा सकते हैं. अगर नरसिंह आज डोपिंग के आरोप से बरी हुए तो उन्हें ओलंपिक में खेलने का मौका मिल सकता है. प्रवीण का नाम अभी इसलिए दिया गया है ताकि ओलंपिक में कोटा बना रहे.
प्रवीण राणा को पहलवान सुशील कुमार का चेला भी माना जाता है
23 साल के प्रवीण राना फ्री स्टाइल रेसलर हैं. 66 से 74 किलोग्राम में दांव लगाते हैं. प्रवीण राणा को पहलवान सुशील कुमार का चेला भी माना जाता है. 2014 के एशियन एम्स में सुशील कुमार चोट के कारण नहीं खेल पाए थे तो उनकी जगह प्रवीण राना को मौका मिला था. प्रवीण राणा इससे पहले अमेरिका में 2014 में हुए रेसलिंग टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. प्रवीण ने साल 2015 में 70 किलोग्राम में इटली में भी गोल्ड मेडल जीता था.
इसी बीच पहलवान सुशील कुमार ने भी नरसिंह विवाद में पहली बार खुलकर बात करते हुए कहा कि वो नरसिंह अपना छोटा भाई मानते हैं और उनपर लग रहे तमाम साज़िश के आरोप पूरी तरह से गलत हैं.
ओलंपिक में जाने को लेकर सुशील और नरसिंह में था विवाद:
74 किग्रा भार वर्ग में नरसिंह यादव ने क्वालीफाई किया था. जिसके बाद सुशील कुमार का रियो ओलंपिक में जाने का रास्ता रुक गया था. जिसके सुशील ने इस मामले को लेकर खेल मंत्रालय से लेकर डब्ल्यूएफआई और कोर्ट तक गुहार लगाई थी. सुशील कुमार चाहते थे कि नरसिंह से उनका ट्रायल्स करा दिया जाए और जो इस मुकाबले को जीते उसे रियो ओलंपिक्स में भेज दिया जाए. अंत में सुशील कुमार को कोर्ट में हार का सामना करना पड़ा और नरसिंह को ओलंपिक्स का टिकट मिला था.